Monday, July 22, 2013

बेटी पहाड़ की

बेटी पहाड़ की.. बहू पंजाब की और सास अमेरिकन.. ऐसा 'कॉम्बो 'कभी कभार ही सामने से गुज़रता है ना....
एक बार की बात है , जब बेटा छोटा सा था, अपनी तोतली ज़बान में कुछ कह रहा था..पति के मित्र साथ थे.. मज़ाक में पूछा की यह कौन सी भाषा बोल रहा है..पति ने तपाक से कहा..'गढ़जाबी'.. पहले तो समझ नहीं आया..फिर समझे तो खूब हँसे.. गढ़जाबी यानि गढ़वाली+पंजाबी= गढ़जाबी..
पहाड़ियों की एक खासियत यह भी है की चावल के बिना खाना ,खाना नहीं होता,खासकर दिन में.. कहावत भी है न.'पहाड़ी मीत.......भात खाया खिस्सके(lol ).. स्कूल से घर पास ही था 'वाकिंग डिसटन्स'  पर.. कभी कभी घर खाना खाने आजाती थी 'लंच टाइम' पर.. घर पर गर्र्मा गर्म दाल भात जल्दी जल्दी खाती और दौड़ लगाती ..पहाड़ी हूँ तो चावल तो हाथ से ही खाऊँगी न.. स्कूल में पहुँचती तो शुभा मेरा हाथ सूंघती .."चावल खाया न".. मुझे तो एहसास नहीं था पर उसे खुशबु आजाती.. ऐसी ही होती थी तब देहरा दून के बासमती की खुशबु और माजरा के बासमती तो दुनिया भर में मशहूर हैं .. घरभर चावल की महक से भर जाता .. कहते थे की बासमती की खुशबु सात घरों तक घूमती है..सच था.. आजकल बासमती बनाओ तो रसोई से ही पूछना पड़ता है की चावल भी बने है या नहीं..
हाँ तो चावल की बात थी.. शादी के बाद ससुराल गयी.. पहली बार खाना खाने बैठी.. थाली सजाकर आगे रख दी.. मैंने खाना शुरू किया..जब चावल की बारी आयी,तो चम्मच को थाली की साइड पर  रख दिया और ज्यों ही हाथ से कौर मूंह की ओर बढाया की ननद ने जोर से कहा..'अरे अरे भाभी क्या कर रही हो'.. घबरा गयी में..पता नहीं अब क्या गलती कर दी मैंने..बोली, 'चावल हाथ से क्यूँ ,चम्मच है न'.. बस इसी चीज़ के लिए टोका था..मैंने कहा ',अपने घर पर हूँ तो हाथ से ही खाऊँगी'.. नयी नयी शादी थी तो पति मुस्कुरा भर दिए.. हाँ बाद में खीज जाते थे, पता है मुझे..
आर्मी के मेस में जब भी पार्टी होती थी तो  मिसिज़ मनकोटिया मेरे कान में फुसफुसा कर कहतीं 'यार चिक्केन मजेदार है पर जब तक चावल में मीन्स कर न खाओ तसल्ली नहीं होती.. सच ही तो कहती थीं मिसेज़ मनकोटिया ..
आज जब दोनों बहुओं को चावल हाथ से खाता देखती हूँ तो कितनी आत्मिक शांति मिलती है, बयान नहीं कर सकती.. पति आज भी वैसे ही कसमसाकर रह जाते हैं, पता है मुझे ....                        
                                                                                                      .... Poonam Dogra....
 

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